जनगणना 2027 में 84 साल बाद फिर होगी जाति गणना। राजस्थान में पहले मकानों की गिनती, फिर लोगों की। जानें पूरी प्रक्रिया और नियम राजस्थान जनगणना 2027: जाति आधारित गणना की वापसी, पहले मकान फिर लोग गिनेंगे. census 2027: Caste count returns after 84 years. Rajasthan begins enumeration—know the process, rules, and impact on citizens
प्रदेश में 84 साल बाद जातियों की गणना, पहले मकान फिर लोग गिने जाएंगे
जनगणना 2027 की प्रक्रिया राजस्थान में भी शुरू हो रही है। यह ऐतिहासिक जनगणना 84 साल बाद फिर से जातियों की गिनती करेगी। पिछली बार जाति आधारित गणना 1941 में हुई थी।
राज्य सरकार के मुख्य सचिव व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख सचिव विष्णुकरण मलिक के अनुसार, पहली बार डिजिटली जनगणना की जाएगी। जनगणना के लिए सभी जिला, उपखंड, तहसील और गांव की सीमाओं में हुए बदलावों को शामिल किया जाएगा।
जनगणना का क्रम:
- पहले मकानों की गिनती होगी।
- उसके बाद लोगों की गिनती की जाएगी।
आम जनता के लिए:
- जानकारी न देने पर जुर्माना: जनगणना के दौरान जानकारी नहीं देने पर 1,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- सही जानकारी जरूरी: सभी को नाम, आयु, शिक्षा, जाति व सामाजिक जानकारी सही देनी होगी।
कर्मचारियों के लिए:
- मना करने पर सजा: जनगणना कार्य में बाधा डालने या जानकारी छिपाने पर कर्मचारियों को तीन साल तक की सजा हो सकती है।
सरकार के लिए:
- नई घोषणाओं पर रोक: जनगणना अवधि के दौरान सरकार कोई नई प्रशासनिक घोषणा नहीं कर सकेगी।
जनगणना 2011 से अब तक हुए बदलाव
- जिले: 33 से बढ़कर 41
- उपखंड: 244 से बढ़कर 426
- तहसील: 185 से बढ़कर 313
- गांव: 44,672 से बढ़कर 48,068
जनगणना का महत्व
जनगणना से प्रशासनिक योजनाएं, संसाधनों का वितरण और विकास कार्यों की दिशा तय की जाती है। यह जानकारी सामाजिक, आर्थिक और जातीय संरचना को समझने में मदद करती है।
